जयपूर (राजस्थान): जी हां हम बात कर रहे है उन्ही मोदी जी की जिनके सामने भाजपा नेता एक पैर खडे़ रहते थे उनको आकर सलाम बुलाने वाले अफसरांे की लम्बी फहरिस्त थी, पर किसी ने सच ही कहा है कि ‘‘राजनीति मे कभी कोई किसी का सगा नही होता‘‘ हवा का रूख बदलने की देर होती है कि अच्छे-अच्छों को दर किनार कर दिया जाता है ऐसी ही कुछ सदा लाईन लाइट में रहने वाले मोदी जी के साथ गुजरी। जी हां हम बात कर रहे हैं उन मोदी जी कि जिन्हंे राजस्थान की राजनीति मे ललित मोदी के नाम से जाना जाता है कुछ साल पहले जिस राज्य मे ललित मोदी के नाम से पत्ता नही हिलता था आज ललीत मोदी उसी प्रदेश की राजनीति में हाशीये पर है, जिसके चलते गत सप्ताह राजस्थान के क्रिकेट से अलविदा कह दी। ललित मोदी पिछले कई सालों से विवादों से घिरे रहें यहां तक की एक ऐसा दौर आ गया कि उन्हें देश छोड़कर विदेश की ओर रूख करना पडा अगर राजनीतिक गलियारें में चल रही चर्चाओं पर निगाह डाली जाए तो यह इशारा मिलता है कि भाजपा आलाकमान के दबाव में मोदी ने भाजपा व अन्य जिम्मेदारियों से त्यागपत्र दिया है। वही यह चर्चा भी आम है कि अगामी राजस्थान के विधानसभाई चुनाव लोकसभा चुनावो को लेकर भाजपा कोई भी खतरा मोल लेना नही चाहती, इसलिए ललित मोदी से पार्टी कुछ दूरी दिखाने का प्रयास कर रही है।