अब्बास मुगल,,,
साउथ फिल्म इंडस्ट्री के फेमस फिल्म मेकर रामोजी राव (Ramoji Rao) ने 87 साल की आयु में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से इंडस्ट्री में मातम पसर गया है। वो रामोजी ग्रुप के फाउंडर (Founder of Ramoji Group) थे। रामोजी ने अपनी लाइफ में काफी संघर्ष किया है। जी हां कभी गरीबी देखी तो कभी जवान बेटे की मौत का गम झेला। आज यूं अचानक रामोजी के निधन पर हम भी दुख जताते हैं और उन्हें याद करते हुए रामोजी के बारे में कुछ जान लेते हैं।

फर्श से अर्श तक का सफर
रामोजी ने अपने बचपन में गरीबी झेली है। दरअसल उनका जन्म एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। अपनी मेहनत के दम पर वो सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगे। रामोजी ने पहले साउथ फिल्ममेकर के रूप में अपनी खास पहचान बनाई। फिल्मों के निर्माण के दौरान उन्हें जो दिक्कतें आईं उन्हें दूर करने के लिए साल 1993 में फिल्म सिटी की स्थापना की। ऐसे वो फर्श से अर्श तक पहुंचे और अरबों की संपत्ति जोड़ी।

रामोजी राव का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। उन्होंने हर कदम पर परेशानियों का सामना किया। लेकिन एक दुख ऐसा भी आया जिसने उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया। रामोजी के दो बेटे हैं जिनमें से छोटे बेटे चिरकुरी सुमन का महज 45 साल की उम्र में निधन हो गया। दरअसल रामो का बेटा ल्यूकोमिया नाम की बीमारी से जूझ रहा था जिसने उनकी जान ले ली। इस हादसे से रामो की जिंदगी में तूफान आ गया

बता दें कि रामो जी ने अपने करियर में अपने काम से इंडस्ट्री को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने साल 1969 में पत्रिका के जरिए मीडिया लाइन में कदम रखा और तेलुगु न्यूज पेपर ईनाडु, ईटीवी नेटवर्क का निर्माण किया। उन्होंने साउथ फिल्ममेकर के तौर पर भी पहचान बनाई। रामोजी को पद्म विभूषण सहित कई सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।

तेलुगु सिनेमा और मीडिया में उनके सराहनीय योगदान के लिए कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त हुए। इसके अलावा रामोजी को रामिनेनी फाउंडेशन पुरस्कार और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।