अंबालिका शास्त्री एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो शक्ति फिल्म प्रोडक्शन की मालिक हैं। वे न केवल फिल्मों के माध्यम से समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का काम करती हैं, बल्कि समाज सेवा में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं। हर साल जयपुर में एक महत्वपूर्ण इवेंट होता है जिसे “जयपुर रत्न” के नाम से जाना जाता है। यह इवेंट अंबालिका द्वारा आयोजित किया जाता है और इसका उद्देश्य वृद्धाश्रमों की सहायता करना है।कहानी: अंबालिका शास्त्री की प्रेरणादायक यात्रा जयपुर की धूप में चमकती एक महिला, जो समाज में एक बदलाव की चाहत रखती थी, अंबालिका शास्त्री का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें फिल्मों और सामाजिक कार्यों में रुचि थी। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष किया और अंततः शक्ति फिल्म प्रोडक्शन की स्थापना की।शक्ति फिल्म प्रोडक्शन का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना भी था। अंबालिका की फिल्में महिलाओं के सशक्तिकरण, बच्चों की शिक्षा और वृद्ध लोगों के प्रति समाज के कर्तव्यों पर आधारित होती थीं।अपनी व्यस्तता के बावजूद, अंबालिका ने वृद्धाश्रमों की स्थिति पर ध्यान दिया। उन्होंने देखा कि समाज के वरिष्ठ नागरिक, जिन्होंने अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा समाज की सेवा में बिताया, वृद्धाश्रमों में उपेक्षित और अकेले रह जाते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए उन्होंने एक वार्षिक इवेंट की शुरुआत की, जिसका नाम उन्होंने “जयपुर रत्न” रखा।हर साल, जयपुर रत्न इवेंट में शहर और देश के विभिन्न हिस्सों से लोग इकट्ठा होते हैं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वृद्धाश्रमों के लिए धन जुटाना और वहाँ रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए खुशियाँ लाना होता है। कला के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन होता है, अंबालिका शास्त्री इस इवेंट के माध्यम से वृद्ध लोगों के जीवन में रंग भरने का काम करती हैं। वे न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं, बल्कि समाज को भी इस दिशा में जागरूक करती हैं। उनके प्रयासों से कई वृद्धाश्रमों की स्थिति में सुधार हुआ है और वहाँ रहने वाले लोगों की जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि हुई है।अंबालिका का संदेश अंबालिका का मानना है कि समाज की सच्ची उन्नति तभी संभव है जब हम अपने वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान और ख्याल रखें। वे अपने कार्यों और प्रयासों से यह संदेश देती हैं कि वृद्ध लोग हमारे समाज की धरोहर हैं और उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है।उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर हमारा उद्देश्य सही हो और हममें दृढ़ संकल्प हो, तो हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। अंबालिका शास्त्री न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि समाज के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद भी दिलाती है।